महिला आरक्षण के मुद्दे पे यादवो ने जो एकता दिखने की कोशिश की है या दिखा रहे है अगर यही एकता यादवो के बिकास के लिए दिखाते तो सायद यादवो का कुछ भला हो हो जाता। लालू ,मुलायम और शरद को शायद ये नही पता की यादव अब उनकी बातों में नही आने वाले है। यादवो के नाम पर अब तक राजनितिक रोटिया सेकने वाले ये नेता अभी भी अनपढ़ यादवो को बेवकूफ बना रहे है । सिर्फ अपने परिवार की चिंता करने वाले ये यादव नेता बाकि कितने यादवो को राजनीति में आगे लाये है ? इन्हें तो सिर्फ अपने परिवार की चिंता है और अब जब इन्हें अपनी लुटिया डूबती नजर आ रही है तो ये महिलाओ के नाम पर राजनितिक रोटिया सेकना चाहते है । लेकिन मेरे प्यारे यादव भाइयो अब जनता होसियार हो गई है । जातिवाद और धर्म की राजनीति से ऊपर आ जाओ और देश में गरीबो के लिए कुछ आवाज उठा लो । महिला बिल पे हल्ला मचाने वाले लालू भैया उस समय कहा था आपका विरोध जब राबरी जी को मुख्यमंत्री बना दिए थे । कोटे के अन्दर कोटे को लाकर अभी और कितने बटवारे करने का मूड है आपका । और नेताजी आपको तो खुश होना चाहिए आपकी बहु डिम्पल आरक्षण मिलते ही सांसद बन जाएगी कम से कम उन्हें हराने वाला कोई पुरुष नेता तो नही होगा । क्या कर रहे हो यादव भाइयो महिला का अपमान या इज्जत ?
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ReplyDeleteआज की राजनीती सिर्फ एक नौकरी है ..जो आज का हर नेता कर रहा है अपनी जीविका के लिए ....जैसे आम ऍम एन सी कंपनियों मे होता है ..हर कोई सिर्फ आगे बढ़ने की होड़ मे लगा है ..कोई किसी और के विकास के बारे मे नहीं सोचता ....अपने नेताओ का यही हाल है ............बस नेता और आम कर्मचारी मे इतना फर्क है कि ये कर्मचारी करते तो कुछ नहीं है पर पढ़े लिखे होते है ..अपनी काबिलियत पे नौकरी हासिल करते है ..और हमारे महान देश के महान नेता अनपढ़ और बेहुदे है ..जिसका जीता जागता उद्धरण खुद राबरी देवी जी है ....
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