Monday, October 26, 2009

वाह रे ..डाक्टर ....

भगवान का दूसरा रूप माने जाने वाले डॉक्टर बेशक लोगो की जान बचाते है ...पर कुछ झोला छाप तथाकथित डॉक्टर भगवान के रूप माने जाने वाले डॉक्टरो को बदनाम कर रहे है ....और लोग मजबूरी में इनके पास जाते है । गावों की हालत तो छोडिए देश की राजधानी में हालत ख़राब है । मै आजकल देहरादून में जॉब कर रहा हूँ ..दिवाली की छुट्टी के लिए अपने घर देवरिया जाने के लिए मैंने बस लिया ..ट्रैफिक के कारण मुझे २४ घंटे लगे बस में जहाँ मच्छरों ने जम कर मेरा स्वागत किया और दिवाली के रात मुझे कपकपी के साथ बुखार आया । अगली सुबह गावं के एक डॉक्टर से दवा लिया उसने मुझे मलेरिया की दवा दी । फ़िर भी बुखार नही गया तो मै दुसरे डॉक्टर के पास गया उसने सारा जाँच कराने के बाद कहा की वायरल है फ़िर भी मुझे आराम नही हुआ और दिन पर दिन मेरी हालत ख़राब होती गई ..परेशान होकर मै किसी तरह दिल्ली पंहुचा । दिल्ली के हरिनगर आश्रम में एक अस्पताल में गया वह डॉ अंसारी ने मुझे पीलिया बताया और हजार रूपये येठे फ़िर भी कुछ आराम नही हुआ और मेरी हालत चिंताजनक हो गई। फ़िर मै अशोक विहार में नार्थ डेल्ही नर्सिंग होम में गया जहा पता चला की मुझे डेंगू है और ५ दिन अस्पताल में भर्ती रहा तब जाके पुरी तरह ठीक हुआ और जान बची ...अब सवाल ये है की मै किस किस पे केस करू ॥ मै एक पत्रकार हु जब मेरे साथ येसा हुआ तो आम लोग की तो आप कूद सोच ले क्या हाल..सरकारी अस्पताल में कोई डॉक्टर नही मिलता लोग जाए तो जाए कहा जाए ..अब सवाल ये है की मेरी जिन्दगी से जो मजाक किया गया और मुझे १५ हजार रूपये खर्च करने पड़े उसके लिए कौन जम्मेदार है ...एक भी गुनाहगार को मै छोड़ने वाला नही..

देहरादून से गोरखपुर बस से जाते समय

यह तो एक नमूना है ... जाने कितने बच्चे सड़क पर दो जून की रोटी के लिए झाडू लगाते मिल जायेगे ...शर्म आनी चाहिए उन एन जी के नाम पर अपना धंधा चलने वालो को और शर्म आनी चाहिए यु पी सरकार को जो मूर्ति के नाम पर पैसे बर्बाद कर रही है .. बच्चे दलित थे ..जो मुसाफिरों के गंदगी को साफ कर रहे थे ...और अब कर रहे होगे ...