Sunday, April 19, 2009

बाबाओ को लगा नेता बनने का शौक

कमलेश यादव
आजकल बाबाओ को एक नया शौक लगा है। वे हर मुद्दे पर नेताओ की तरह बयानबाजी करने लगे है। जबसे भारत में धार्मिक चैनलों की बाढ आई है बाबाओ की दुकान चल पड़ी है। बाबा लोगो को टीवी पर प्रवचन करते-करते काफी पहचान मिलने लगी है। अब बाबा धर्म के साथ -साथ राजनीति में भी हाथ आजमाने लगे है। इसकी शुरुआत बाबा रामदेव ने की। उन्होंने पहले आयुर्वेद की दवा के कारखाने खोले फ़िर नेताओ और फिल्मी नायक -नायिकाओ को योग सिखाते -सिखाते वे ख़ुद राजनीतिक मामलों में दखल देने लगे। बाबा आजकल हर मुद्दे पर बोलते हुए नजर आते है। उनकी देखा- देखी अब मोरारजी बापू ,आशाराम बापू भी नेताओ को शिक्षा देने लगे है। स्वामी अग्निवेश भी टीवी पर दिखते रहते है । मोरारजी ने तो यहाँ तक कह डाला की कांग्रेस और भाजपा को आपसी मतभेद भुला के एक हो जन चाहिए इससे तीसरे मोर्चे का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा। अब बाबा को कौन समझाए की यह असंभव है बेशक आजकल नेता अपने -अपने सिद्धांतो को छोड़कर टिकट-सिद्धांत पर चल रहे है, जो भी टिकट दिया हम उसी के हो लिए के सिद्धांत पर चलते नेता इन बाबाओ से कुछ सीख ले। बाबा रामदेव ने तो अपना एक दल भी बना लिया - राष्ट्रीय स्वाभिमान दल । बाबा रामदेव कहते है उनका दल भ्रष्ट नेताओ के खिलाफ मतदाताओ में चेतानत लायेगा । बाबा कही ऐसा तो नही की आप भी पम बनने का सपना देखने लगे है। इसी लिस्ट में एक और बाबा है आदित्य नाथ ये ख़ुद को हिंदू हितों का रक्षक बताते है , गोरखपुर से संसद भी है, कहते है - "जब -जब धर्म पर आंच आई है संतो ने धर्म की रक्षा के लिए कदम उठाये है । " राजनीति के चाणक्य बनाना चाहते ये बाबा यह भूल जाते है की महात्माओ को उनके त्याग के लिए जाना जाता है। एसी गाडियों में चलते ये बाबा जनता को बेवकूफ बनते है और देश सेवा की ये बात करते है । धर्म के नाम पर गुंडागर्दी करवाने वाले इन बाबाओ को जनता ही सबक सिखायेगी । आमलोगों की बात करने वाले बाबा रामदेव के एक-एक शिविर में कम से कम ५०० रूपये की टिकट होती है। जिसे कोई आम इंसान नही खरीद सकता । अपना धंधा चलाने वाले ये बाबा आमलोगों को तो सिर्फ़ टीवी पर ही दिखायी देते है वो भी टीवी वालो से मोटी रकम लेने के बाद। नेता बनने की चाह रखने वाले इन बाबाओ में से कई पर तो हत्या तक के मुकदमे चल रहे है। नेता और बाबाओ में कोई फर्क नही रह गया है ।

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